Google से मिली खबरों के मुताबिक प्ले स्टोर से 9 लाख एप्स को हटा सकती है. जो एप लम्बे समय से अपडेट नही हुए है इस लिस्ट में उन एप्स को शामिल किया जाएगा. ऐसा नही यह काम गूगल ने पहले नही किया है. इससे पहले फरवरी में 65,000 एप्स को हटा चुकी है. और प्ले स्टोर के होमपेज में भी कुछ बदलाव के संकेत मिले है जो भी एक बड़ा कारण हो सकता है न एप्स को हटाने का.
अभी हाल ही में गूगल ने अपने गूगल पे में कुछ बदलाव किए है. इनके मुताबिक गूगल ने बड़ा बदलाव करते हुए गूगल वॉलेट को रिलॉन्च किया है और उसमें कार्डस, डिजिटल कार्ड्स को और सुविधाजनक बनाया गया है. साथ में Tap-to-Pay की फंक्शनेलिटी को भी एप में शामिल किया है.
सवाल आता है कि गूगल इन एप्स को क्यों हटाना चाहता है?
तो चलिए इसकी थोड़ी-सी चर्चा करते हैं.
Google Play Store बनेगा ज्यादा पारदर्शी
गूगल प्ले स्टोर का इंटरफेस बदला गया है. एक न्यूज प्लैटफॉर्म के मुताबिक उसने गूगल प्ले स्टोर में नया एप व्यू देखा है. जिसके मुताबिक अब किसी भी एप के बारे में यूजर्स के लिए ज्यादा जानकारी दिखाई देगी.
पहले ऐसा नही था. यूजर्स को सिर्फ एप का बड़ा आइकन, डेवलपर तथा रेटिंग्स दिखाई देती थी. मगर, इस नए व्यू के अनुसार एप आइकन छोटा होगा और रेटिंग्स के साथ-साथ कंटेट भी दिखाया जाएगा. वैसे, इन बदलावों की कोई आधिकारिक पुष्टी नही हुई है.
गूगल जिन 9 लाख एप्स को हटाना चाहते हैं उनमे ऐसे एप्स शामिल है जो करीब 2 साल से निष्क्रिय पड़े हुए है. उन्हे एक भी अपडेट नही किया गया है. यह एपल पहले ही करने की तैयारी में उसने करीब 6.50 लाख एप्स को छांटा है और डेवलपर्स को नोटिस भेजकर एप्स को रिमूव करने की प्रक्रिया शुरु की जा सकती है.
इस काम को गूगल भी जल्द शुरु कर सकता है. क्योंकि, गूगल अपनी पॉलिसी के लिए बहुत सख्त रहती है. इसलिए, डेवलपर सचेत हो जाएं और एप को हटाने से बचाना चाहते हैं तो उन्हे जल्द से जल्द अपडेट करें.
वैसे भी गूगल चाहता है कि उसका एप स्टोर ज्यादा पारदर्शी बने और यूजर्स तथा डेवलपर के बीच जो डेटा का आदान-प्रदान एप के माध्यम से होता है उसकी जानकारी यूजर्स को एप इंस्टॉल करने से पहले ही मिल जानी चाहिए.