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POS क्या होती है और इसे कहाँ इस्तेमाल करते है हिंदी में जानकारी

आप दुकान पर खरिदी करने गए एटीएम कार्ड निकाला एक मशीन पर सरकाया ट्रांजेक्शन पूरा हुआ और सामान लेकर वापस आ गए. पेट्रॉल पंप, राशन की दुकान, मॉल्स, जनरल स्टोर, बैंक शाखा आदि जगहों पर इस तरह की मशीने आपने जरूर देखीं होगी.

क्या आप जानते है इन्हे क्या कहते है? इन मशीनों को क्या नाम होता है? कार्ड स्वाइप करने वाली इन मशीनों का क्या काम होता है?

इस मशीन को कहते है POS Machine और POS Terminal. इस लेख में हम आपको पॉस मशीन के बारे में पूरी जानकारी दे रहे है. अध्ययन की सुविधा के लिए हमने इस लेख को निम्न भागों में विभाजित किया है.

POS Point of Sale Kya Hai in Hindi
POS Machine


POS क्या है – What is POS in Hindi?

POS एक कम्प्यूटराइज्ड मशीन है जिसका उपयोग कैश रजिस्टर के स्थान पर किया जाता है. POS मशीन डेबिट/क्रेडिट कार्ड को पढ़ना, खरिदी की पुष्टि करना और ग्राहक को सामान की रसीद देने का काम करती है. मगर, यह काम व्यापार तथा लोकेशन के हिसाब से परिवर्तित हो सकता है.

इस POS मशीन की फुल फॉर्म Point of Sale होती है. जिसका हिंदी में अर्थ (POS Meaning in Hindi) बिक्री केंद्र होता है. इसका मतलब यह है कि एक POS Terminal दुकान या खुदरा स्टोर में वह स्थान होता है जहाँ से ग्राहक सामान खरिदते है.

और यह सही भी है. क्योंकि जिन स्टोर में POS Terminal का उपयोग किया जा रहा है. वहाँ पर कैशियर के स्थान पर पॉस मशीन काम में ली जा रही है.

एक पॉस मशीन अकेली नगद रहित ट्रांजेक्शन करने में सक्षम होती है. ग्राहकों को खरिदी की पर्ची (Purchase Receipt) भी बनाकर दे देती है. और यह सारा काम मिनटों में पूरा हो जाता है. क्योंकि पैसे गिनने और पर्ची बनाने की जरूरत खत्म हो गई है. अब ग्राहक खुद ये कम करेगा. आप बस उन्हे POS Terminal से मिलवा दीजिए.

पॉस टर्मिनल आमतौर पर निम्न कार्य करता है.

  • Debit/Credit Card Processing
  • Receiving Payments
  • Making Purchase Receipts
  • Creating Inventory

मगर इन चार प्रमुख कामों के अलावा स्टोर के प्रकार तथा व्यापार की प्रकृति के आधार पर पॉस का कार्य बदल भी जाता है. मसलन, एक खिलौने की दुकान पर लगा पॉस टर्मिनल एक होटल/रेस्टोरेंट पॉस सिस्टम से भिन्न होता है. मगर, इनकी आधार-भूत संरचना और कार्य-प्रणाली नही बदलती है.


POS Machine की बनावट

जैसा हमने ऊपर बताया कि पॉस एक कम्प्यूटराइज्ड इलेक्‍ट्रॉनिक मशीन है. इसका मतलब ये हुआ कि हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर के मिश्रण से ये मशीन बनती है. और खुदरा व्यापारियों को बड़ी-बड़ी कतारों से होने वाले सर दर्द से राहत देने का काम करती है.

एक POS Machine के दो प्रमुख अवयव होते है.

  1. Software
  2. Hardware

POS Software

हर पॉस मशीन कार्ड से भुगतान स्वीकर करना, खरिदे गए सामान की पूरी जानकारी रखना, ग्राहकों को खरिदी पर्ची देना आदि कार्य करती है. इन कामों को करने के लिए “Software” का उपयोग किया जाता है. ताकि पॉस सिस्टम व्यापारी के बैंक खाता में पैसा ट्रांसफर कर सके. आइटम्स की जानकारी को पढ़ सके और डेबिट.क्र्डिट कार्ड की पुष्टी करके भुगतान प्राप्त कर सके.

इन पॉस मशीनों को ये सभी कार्य करने की बुद्धिमता “POS Software” से ही मिलती है. मगर “पॉस सॉफ्टवेयर” द्वारा प्राप्त डेटा की स्टोरिंग कई तरीकों से की जाती है.

On-Site System – On-Site POS System में सारा डेटा लोकल मशीन में सेव किया जाता है. व्यापारी की जरुरत के सॉफ्टवेयर कम्प्यूटर सिस्टम में ही इंस्टॉल रहते है. इसलिए इंटरनेट की भी जरुरत नही रहती. लेकिन सार-सभांल खुद व्यापारी के जिम्मे होती है.

Cloud-Based System – Cloud-Based POS System में डेटा और सॉफ्टवेयर सर्विस प्रोवाइडर के डेटा सेंटर पर स्टोर रहता है. जिसे किसी भी कम्प्यूटर द्वारा एक वेब ब्राउजर की सहायता से कभी भी एक्सेस किया जा सकता है. यह सिस्टम 24 घंटे अप रहता है और इंटरनेट की जरूरत पड़ती है.

POS Hardware

व्यापर और मालिक की जरुरत के अनुसार पॉस सिस्टम कई अलग-अलग उपकरणों से मिलकर बना होता है, मगर, एक पॉस सिस्टम निम्न हार्डवेयर डिवाइसों के बिना पूरा नही समझा जाता है.

Monitor/Touch Screen – जिस उपकरण की मदद से कैशियर, क्लर्क अथवा ऑपरेटर POS Software का उपयोग करेंगे वह डिवाइस मॉनिटर होता है. या फिर इन-बिल्ट स्क्रीन होती है. जिसके द्वारा सॉफ्टवेयर इंटरफेस उपलब्ध करवाया जाता है. यह पॉस सॉफ्टवेयर का फ्रंटएंड होता है जो ऑपरेटर को दिखाई देता है.

यह एक साधारण कम्प्यूटर मॉनिटर, कैश रजिस्टर (बटन के साथ), टचस्क्रीन मॉनिटर या एक स्मार्टफोन भी हो सकता है.

Drawer – इसे कैश ड्रॉवर भी कहते है. जो लकड़ी या धातु का बना होता है. जिसमें कैश, चैक, वाउचर्स, रिसिप्ट्स तथा स्लिप्स को संभालकर रखा जाता है. इसे आम भाषा में गल्ला भी बोलते है.

Printerप्रिटंर का उपयोग पर्ची छापने के लिए होता है.

Barcode Reader – इस उपकरण का उपयोग स्टोर में रखे समान की निगरानी रखने तथा आइटम की जानकारी पॉस एप तक पहुँचाने के लिए किया जाता है.

इसे पढ़ेबारकोड क्या होता है?

Card Machine – जिस मशीन का उपयोग कार्ड पढ़ने के लिए होता है उसे कार्ड मशीन कहते है. यह मशीन इंटरनेट आधारित भी हो सकती है. इस मशीन पर एक चुंबकीय पट्टी होती है जो कार्ड स्वाइप (एटीएम/क्रेडिट कार्ड को चुंबकीय पट्टी से सटाकर सरकाकर बाहर निकालना) करने पर कार्ड डेटा को पढ़ती है.

Network Devices – पॉस सिस्टम को आपस में जोडने के लिए तथा इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिए कई नेटवर्क डिवाइसों की जरूरत पडती है. जिसे मॉडेम, रूटर, हब आदि.


POS System के विभिन्न प्रकार- Types of POS Terminal in Hindi?

  1. Retail POS System
  2. Small Business POS Systems
  3. Mobile POS System
  4. Cloud POS System
  5. Restaurant POS Systems
  6. Bar and Nightclub POS Systems
  7. Salon and Spa POS System

Retail POS System

खुदरा व्यापार में काम आने वाला पॉस सिस्टम Retail POS Machine कहलाती है. यह मशीन विशेष रूप से केवल खुदरा व्यापार की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित की जाती है.

आखिर एक रेस्टोरेंट सिस्टम का किराना की दुकान पर क्या काम हो सकता है. इसलिए एक खुदरा पॉस सिस्टम में निम्न सुविधाएं मुहैया कराने की क्षमता विकसित की जाती है.

  • Debit/Credit Card Processing
  • Inventory
  • Multi-Store Scalability
  • Product Variants
  • Employee Commissions
  • Customer Database
  • Gift Registry
  • Purchase Orders
  • Sales Report
  • Other Hardware Integrations
  • Software Customization
  • Stock Table

एक खुदरा स्टोर ऊपर बताए कामों में से लगभग सभी काम कम या ज्यादा की जरूरत रहती है. इसलिए एक अच्छे खुदरा पॉस सिस्टम में ये फीचर्स जरूर होते है.

Small Business POS Systems

चाय की दुकान, कॉपी शॉप, बुटिक, छोटी किराना दुकानों पर इस तरह के पॉस सिस्टम काम में आते है. इन बिजनेस के लिए ज्यादा कानूनी और वित्तिय रख रखाव की आवश्यकता नहीं होती है.

इसलिए मोबाइल एप के जरिए भी इनका काम चल जाता है. आजकल बहुत सारे पॉस सिस्टम मौजूद है जो छोटे व्यापारियों के लिए इस काम को आसानी से कर सकते है.

Mobile POS System

इसे mPOS भी कहते है. mPOS की फुल फॉर्म Mobile Point of Sale होती है. यह मोबाइल फोन पर आधारित पॉस सिस्टम होता है. जिसे केवल स्मार्टफोन पर ही चलाया जा सकता है.

यह सिस्टम क्लाउड-आधारित होता है. इसका मतलब सारा डेटा तथा प्रोसेसिंग सर्विस प्रोवाइडर के सर्वर पर होती है. मोबाइल सिर्फ उसे दिखाने का काम करता है.

मोबाइल पॉस सिस्टम सस्ता और लचीला होता है. जिसे कहीं भी कभी भी ब्राउजर या फिर एप के माध्यम से एक्सेस कर सकते है.

Cloud -Based POS System

सॉफ्टवेयर अपडेट, रख-रखाव, नए फीचर्स का झंझट आदि से छुटकारा दिलाने का काम करता है क्लाउड-आधारित पॉस सिस्टम.

क्लाउड पॉस सिस्टम इंटरनेट के जरिए अपनी सेवाएं उपलब्ध करवाता है. जिसे ब्राउजर के द्वारा 24 घंटे एक्सेस किया जा सकता है. सॉफ्टवेयर तथा डेटा सर्विस प्रोवाइडर के डेटा संटरों पर सेव होता है. और सारी प्रोसेसिंग इन डेटा सेंटरों पर ही होती है.

एक क्लाउड आधारित पॉस सिस्टम के बहुत सारे फायदें होते है.

  • हर जगह उपलब्ध – चुंकि यह सिस्टम इंटरनेट पर आधारित होता है. इसलिए कहीं से भी इसे एक्सेस किया जा सकता है. आपको स्टोर में रखे कम्प्युटर तक जाने की कोई जरूरत नहीं है. किसी भी इंटरनेट कनेक्टेड डिवाईस पर उपलब्ध रहता है.
  • सस्ता – यह सिस्टम ‘सॉफ्टवेयर एक सेवा’ के बिजनेस मॉडल पर आधारित है. इस मॉडल में सॉफ्टवेयर तथा अन्य सेवाएं मासिक या वार्षिक शुल्क के आधार पर उपलब्ध कराई जाती है. नए फीचर्स, अपडेट्स के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है. इसलिए यह परपंरागत सिस्टम से सस्ता पड़ता है.
  • चलाने में आसान – यदि आप स्मार्टफोन चलाना जानते है तब आप क्लाउड आधारित पॉस सिस्टम को आसानी से चला सकते है. आपको किसी विशेष प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता नही है.
  • नए फीचर्स और अपडेट्स – जब भी सर्विस प्रोवाईडर द्वारा कोई नया फीचर्स जोडा जाता है या कोई कमी सुधारी जाती है तो उसका फायदा तुरंत मिलता है. जिसके लिए कोई शुल्क भी नही देना होता.
  • कस्टमर सेवा – कस्टमर सेवा 24x7x365 उपलब्ध रहती है. इसलिए किसी भी जानकारी के लिए तुरंत ग्राहक सेवा अधिकारी से बात की जा सकती है.

Restaurant POS System

किसी रेस्टोरेंट या होटल के लिए विकसित पॉस सिस्टॅम रेस्टोरेंट पॉस सिस्टम कहलाता है. इस प्रकार के पॉस सिस्टम केवल होटल तथा रेस्टोरेन्ट्स की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किये जाते है और फीचर विकसित किये जाते है. एक रेस्टोरेन्ट्स पॉस सिस्टम कई काम करने की क्षमता रखता है.

  • Card Payments
  • Receipts
  • Inventory Management
  • Kitchen Orders
  • Food Costs

इस पॉस सिस्टम को Restaurant Management System भी कहा जाता है.

Bar and Nightclub POS System

वह पॉस सिस्टम जिसे बार और नाइटक्लब के लिए विकसित किया जाता है उसे Bar and Nightclub POS System कहा जाता है. हालाकिं एक रेस्टोरेंट पॉस सिस्टम से भी यहाँ काम चल सकता है.

मगर, एक बार और रेस्टोरेन्ट्स की सभी जरुरते एक जैसी नहीं होती है. इसलिए कुछ विशेष फीचर्स की जरुरत यहाँ होती है. जैसे;

  • Fast Check Outs
  • Employee Management
  • Inventory Management
  • Reorder Rounds
  • Customer Loyalty
  • Recipes
  • Sale and Tax Reports

की खास जरूरत एक बार तथा नाइटक्लब्स को होती है. जो केवल एक बार एंड नाइटक्लब पॉस सिस्टम में ही उपलब्ध रहते है.

Salon and Spa POS System

 एक नाई की दुकान, स्पा सेंटर आदि पर जिस पॉस सिस्टॅम का उपयोग होता है उसे Salon and Spa POS System कहते है.

यह सिस्टम जिम, ब्यूटी स्कूल, मसाज पार्लर, पालतू जानवरों के नाई, टैटू शॉप आदि बिजनेस में इसका उपयोग खूब होता है. क्योंकि इन्हे कुछ खास फीचर्स जैसे एपॉइंटमेंट कैलेंडर, रिमाइंडर, कस्टमर डेटाबेस, इंन्वेंट्री मैनेजमेंट, एम्पलोई मैनेजमेन्ट आदि की जरूरत पडती है.  


पॉस सिस्टम कैसे काम करता है?

किसी भी व्यापारी के लिए पॉस सिस्टम की बेसिक कार्यप्रणाली को समझना तथा क्रियान्वयन प्रोसेस की जानकारी रखना जरूरी है. बिना व्यावहारिक ज्ञान के कोई भी व्यापारी सफल नहीं हो सकता है. इसलिए यह जरूरी है पॉस मशीन की कार्यप्रणाली का व्यावहारिक ज्ञान हो.

एक पॉस सिस्टम सभी जगह कुछ आधारभूत कार्य करता है. इन कार्यों के आधार पर सभी प्रकार के पॉस सिस्टम निर्भर है. ये कार्य निम्न है.

  • सेटप का ज्ञान – सबसे पहला काम आता है व्यापार और प्रकृति की जरूरत के अनुरूप सही प्रकार के पॉस सिस्टम का सेटप करना. इस सेटप में हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर दोनों शामिल होते है. पॉस सिस्टम में काम आने वाले सॉफ्टवेयर की जानकारी होनी चाहिए.
  • प्रोग्रामिंग – एक पॉस सिस्टम को व्यापार के आधार पर काम करने लायक बनाने के लिए प्रोडक्ट, मेनु, इंवेंट्री आइटम्स के बारे में पॉस सॉफ्टवेयर को बताना पड़ता है. इस काम को सॉफ्टवर प्रोवाइडर भी उपलब्ध कराते है जो व्यापार की जरूरत के अनुरूप सॉफ्टवेयर को तैयार करके देते है.
  • भुगतान – क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड तथा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भुगतान लेने के लिए मर्चेंट अकाउंट की जरूरत पड़ती है. इसलिए व्यापारी को इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए. और पॉस सिस्टम सेट कराने से पहले ये काम भी करवा लेना चाहिए.
  • इंस्टॉलेसन – पूरा सिस्टम सही तरह कार्य करें इसलिए सभी आवश्यक उपकरणों का सही जगह जुडना बहुत जरूरी है. नहीं तो तकनिक त्रुटिया आने लगती है. इसलिए उचित तरीके से उपकरणों का सही जगह जुडना जरूरी है. इस काम के लिए सिस्टम प्रोवाइडर की मदद लेने में परहेज नहीं करना चाहिए.
  • प्रशिक्षण – समय-समय नए फीचर्स तथा अपडेट्स आते रहते है. और सरकार के नियम भी बदलते रहते है. इसलिए इन सभी मुसीबतों से सुरक्षित रहने का सबसे बढ़िया रास्ता है खुद को अपडेट रखना. इसके लिए कंपनी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है उसे लेते रहना चाहिए.

आपने क्या सीखा?

इस लेख में हमने आपको पॉस मशीन के बारे में पूरी जानकारी दी है. आपने जाना कि पॉस क्या है? पॉस मशीन के विभिन्न प्रकार और पॉस मशीन कैसे काम करती है? साथ ही आपने जाना कि एक पॉस मशीन की बनावट कैसी होती है. हमे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.

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17 thoughts on “POS क्या होती है और इसे कहाँ इस्तेमाल करते है हिंदी में जानकारी”

    • Pos ki jaankari aapne aasan tarike se samjayi hai. In future jab bhi sevaki jarurat hogi tab jaroor aapki seva lenge.
      thanks

      Reply
      • बी आई चौधरी जी, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया! आते रहिए और सीखते रहिए.

    • विश्वजीत जी, इस मशीन पर आप डेबिट/क्रेडिट कार्ड स्वाइप करके भुगतान करते हैं. साथ में सामान की सूची भी मिल जाती है. स्टोर के ऊपर निर्भर करता है उसने किस प्रकार का पोस सिस्टम लगाया हुआ है.

      Reply
    • यशमीन जी, इस आर्टिकल में पीओएस से संबंधित ही जानकारी साझा की गई है. यदि आपको कुछ विशेष जानकारी चाहिए तो आप उस बारे मे लिखिए ताकि हम आपकी कुछ मदद कर पाएं.

      Reply
    • अंसारी जी, हम आपकी बात समझ नही पा रहे है. क्या आप खुलकर बता सकते है और किस संदर्भ में पूछ रहे है?

      Reply

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